Thursday, October 20, 2016

#तकब१३ तस्वीर क्या बोले प्रतियोगिता 13



#तकब १३ (तस्वीर क्या बोले - प्रतियोगिता 13)
इस बार चित्र पर आप अपने भाव भारत के प्रधानमंत्री श्री मोदी जी की कूटनीति, राजनीति और सोच पर लिखे। 
- काव्य की किसी भी विधा में हो, 10 पंक्तियाँ, शीर्षक सहित, स्वरचित हो और देवनागरो लिपि में हो। 
- 12, अक्टूबर 2016 इस प्रतियोगिता में अपनी रचना भेजने का अंतिम दिन है। आप अपनी रचनाये अपनी दीवार या कही तभी प्रेषित करे जब समाप्ति के बाद विजेता और ब्लॉग में पोस्ट होने की घोषणा हो जाये।
शुभकामनाये
(एडमिन की रचनाये प्रतियोगिता के लिए शामिल नही होंगी - धन्यवाद )

इस बार विजेता है सुश्री  किरण श्रीवात्स्व जी .. बधाई  एवं  शुभकामनाएं 

रोहिणी शैलेन्द्र नेगी 
~मार्ग-दर्शक~
********
चलो ले चलूँ तुम्हें डगर उस,
मिले जहाँ सम्मान, रहें ख़ुश,
विश्व-पटल अंकित कर रेखा,
ध्वजा वहाँ जहाँ कभी न देखा,

मैं निर्भिग्य सदा सेवक बन,
प्रधानता का परिचय दूँगा,
सर्व-प्रथम सुख तुमसे मेरा,
दूर अज्ञान समस्त करूँगा,

विडम्बनाएें फैला कर कुछ,
हैं अराजक तत्व समझते,
शोषित-कुपित रहें जनता जो,
सिर-आँखों पर उनको रखते,

मेरा प्रण मैं साथ सदैव,
सभी के संग-प्रसंग रहूँगा,
विजय-घोष का डंका बन कर,
विश्वाधार अनन्त बनूँगा ।।



किरण श्रीवास्तव 
~युग पुरूष~
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नमो तुम्हें शत् शत् नमन
दिया सभी को चैन अमन..।
जीते तूने सबके जज्बात,
करके सबसे "मन की बात"।
किया सदा सही नेतृत्व,
सच तुमसे सब ही हैं तृप्त ।

देश के वीर जवानों को
तूने ऐसा मान दिया,
सीमा पर अभियान चलाकर,
शहादत का परिणाम दिया ।
देकर श्रद्धांजलि वीरों को
ऐसा सच्चा सम्मान दिया।

उस माता को है, नमन हमारा,
जिसने तुमको जन्म दिया ।
देश भक्ति का भाव दिया,
रग- रग मे उत्साह दिया,
आदर प्रेम सहिष्णुता का,
ऐसा खाटी संस्कार दिया।

खलबल मची राजनीति में
फिर भी आंच ना आयेगा
सत्ता का लालच है जिनको
फिर वो पलटी खायेगा।
जो भी बड़े विरोधी है
उनको समझो मनोरोगी हैं....।

जग जननी भारत माता भी
तुम जैसो पर वारी हैं ।
भारत माता की खातिर,
जनता भी सब कुछ हारी है ।
सबको अब है यही दरकार ,
हर बार मोदी सरकार...!!


प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल 
~नेतृत्व~

संघ का स्वयंसेवक
संस्कृति का संवाहक
भारत माँ का सच्चा साधक
श्रेष्ठ भारत का सपना लिए
संस्कारो का बना प्रचारक

पाकर माँ का आशीर्वाद
भारत माँ की सेवा करने चला
हर वर्ग का रख ख्याल
नागरिक कर्तव्य का भेद समझाया
जन योजनाओं की कर शुरआत
सांझा करता मन की बात

देकर मात विपक्ष को
दुश्मनों को कर अकेला
कूटनीति की बदल परिभाषा
राजनीति का बना बड़ा खिलाड़ी
कर कर्म बना जनता का सेवक
विश्व गुरु बने भारत
चला है वो लेकर केवल लक्ष्य एक

कर भ्रमण दुनिया का
शांति का सन्देश पहुँचाया
नीति राष्ट्र हित की लेकर
अपना लोहा मनवाया
मित्र राष्ट्रों को लेकर साथ
सबका साथ सबका विशवास पाया

कर त्याग गौतम सा, संसद में शीश नवाया
देश विदेश में भारत की बनी नई पहचान
तिरंगे संग ‘मोदी’ का परचम लहराया
गर्व है हमें, जो भारत ने ऐसा नेतृत्व पाया
जनता की आस और विश्वास का नाता गहराया

जय भारत ......


ब्रह्माणी वीणा हिन्दी साहित्यकार 
*गीतिका *
=======
~मोदी का अपना व्यक्तित्व~
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देश कर्णधार बनकर ,,,, ,वादों को निभाया मैंने
बुझा था दीप जागरण का,,,,,उसे जलाया मैंने /
~~~~~
सब ओर थीं आॅधियां,जाति,धर्मअथिकार की,
जन गण में एकता का,पाठ पढ़ाया हमने /
~~~~~~~~
जिंदगी में सदा, आशीर्वाद रहा है अपनी माॅ का ,
उनके ही चरणों में, देश गौरव व जन्नत पाया मैंने /
~~~~~~~~
चिंता नहीं मुझको, ,,,,,,संसदीय दल विरोधियों की
जब घिरा काश्मीर,पाक दुश्मन कोभगाया हमने
~~~~~~~~~
मैं संघ सेवक हूँ, निस्वार्थ समर्पित भारत माता का,
राष्ट्र सर्वोपरि"नीति लेकर सदैव लोहा मनवाया मैंने
~~~~~~~~~~
हिन्दी मातृभाषा, स्वाभिमान व पहचान है हिन्द की
शपथ लेते हेतु, भाषा हिन्दी ही अपनाया हमने /
~~~~~~~~~~
भारत विश्व गुरु बने ,फहराए देश का ध्वज- तिरंगा ,
दिल में यही आकांक्षा है,यही ख्वाहिश जताया मैंने
~~~~~~~~
जय हिन्द ,जय हिन्दी, जय जवान ,
वंदे मातरम् ,,,,,

संदर्भ संदेश
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प्रस्तुत रचना में मोदी की अपनी मुखरित कर्तव्य गाथा है वे राष्ट्र के प्रधानमंत्री के साथ साथ निस्वार्थ देश भक्त ,संघ सेवक, सफल राजनीतिज्ञ के रूप में, ,देश के गौरव पूर्ण पटल पर अवतरित हुए हैं, ,,वे
अप्रतिम है कुशल कर्णधार है भारत स्वदेश के, ,,,,,,,,,जय हिन्द जय जवान



बालकृष्ण डी ध्यानी 
*****************
कुछ तो बात अलग है

कुछ तो बात अलग है
चले जिधर भी तू चले तेरे संग संग जग है

निर्मल गंगा पल पल बहती जाती
अविरल गंगा कल कल अपना मार्ग स्वयं बनाती
लेकर सारा शांतिकुंज अपने साथ चला तू
तीन रंगों को अब अपने रंग में रंग ने चला तू

कुछ तो बात अलग है
तुझ से अब हम हैं अब हम से तू है

आठ दिशायें अब बोल पड़ी है
चुप थी अब तक वो अपना मुंह खोल पड़ी हैं
भुजाओं को तेरे देने अपने वो सारे बल को
देखा तुझे और वो सारी दौड़ पड़ी है

कुछ तो बात अलग है
मेरे भारत भाग्य की तू एक किरण है

कुछ तो बात अलग है

टिप्पणी : बस प्रेम है हमे इस भारत के प्रधान सेवक से


नैनी ग्रोवर 
~ नई राह~

बाद युगों इक,
नई राह मिली है,
स्वच्छ भारत की,
नई चाह मिली है..
पकड़ के जिसे,
हम चले सरहद की और,
हौंसलों को,
वो मजबूत बाहं मिली है..
वीर सैनिकों को दिया,
इक इशारा जो तुमने,
मिटटी में मिला आतंक वहीं,
जहाँ पनाह मिली है..
जतला दिया दुनिया को,
अब और ना सहेगा भारत,
नई रणनीति की हमें,
इक नई सलाह मिली है...!!


गोपेश दशोरा 
-हर-हर मोदी...


है नरों में इन्द्र यह,
साबित भी इसने कर डाला,
जो भी आया इसके सम्मुख,
एक बार तो इसने धो डाला।
बिन बोले यह हर काम करे,
दुश्मन से भी ना तनिक डरे,
जो कहता है वो करता है,
वचनों से अपने नहीं फिरे।
चाणक्य का अवतार है यह,
राजनीति का महागुरु,
जब से आया है सत्ता में,
परिवर्तन का दौर हुआ शुरू।
देश के सब नेताओं को,
नीति इनसे ही सिखलाई।
विश्व पटल पर इसने ही,
भारत की नव छवि दिखलाई।
कितना विरोध भी इसका हो,
नहीं ध्यान किसी पर देता है।
कर्मों से देता है उत्तर,
संसार देखता रहता है।
हर-हर मोदी, घर-घर मोदी,
का नारा जब से सफल हुआ।
देश हुआ समृद्ध वहीं,
दुनिया के सम्मुख सबल हुआ।
विश्व शक्तियां अब तो यहां
आगे चल कर हाथ बढ़ाती है।
क्या करना, कैसे करना है?
अपनी नीति बतलाती है।
मोदी ऐसे ही बने रहो,
भारत को आगे जाना है।
भारत माँ के सच्चे लाल हो तुम,
अब तो सकल विश्व ने माना है।


टिप्पणीः पहली बार एक ऐसा नेता को देखा है जिसमें हिम्मत है सच को सच और झूठ को झूठ कहने की, और दुश्मनों को उनकी भाषा में जवाब देने की। अब लगता है कि भारत का अच्छा समय आने वाला है।


Sunita Pushpraj Pandey 
मोदीनामा
कुछ तो बात है तुममे मोदी हर हर मोदी नही घर घर तुम सा मोदी चाहिये
बापू के बाद तुमने ही साफ सफाई की क्रांति फैलाई
घर घर सौचालय बनवा तुमने नेक काम किया गररजे भी तुम ही बरसे भी तुम भी
डिजिटल इंडिया का स्वपन तुम्हारा देखते देखते साकार हुआ
सर्जिकल स्ट्राइक करवा लाखो मुँह पर ताले जड़ डाले ।


मीनाक्षी कपूर मीनू 
मैं और तुम बने * हम *

मैं ...........
मैं नहीं तुम हो
तुम नहीं किसी से कम हो
तुम से ही निकला
मैं ..............
बैठ धरा पर चाय पीते पिलाते
कदम तुम सब संग आगे बढ़ाते
आज मैं.........
हूँ जहाँ ,,तुमने ही तो भेजा है
आओ ....उठो चलो सँग मेरे
आज तुम्ही तो हो अंग मेरे
देश को आगे बढ़ाना है
भ्रष्टाचार को मिटाना है
आंतक को दूर भगाना है
मैं ... ........
को सब संग मिलाना है
आज है ज़रूरत
हमें एक होने की....
मिलजुल के हर एक
दुःख को सहने की
देश के कोने कोने में
छिपे आतंक को
पकड़ बाहर निकालेंगे
मनस्वी ,,,
अपने भारत को स्वच्छ
और डिज़िटल बनाएंगे .....
मैं ...और तुम ..
रिश्ता पवित्र पुराना है
आओ उठो... चलो
मैं और तुम से
*हम *बनाना है ,,,
*हम*हो कर ही नतमस्तक
करेंगे हम सब को
*भारत मोदी* बन
*मोदी*
कहलायेगा तब तो ,,,,,,,,, , :)


कुसुम शर्मा 
~है भारत माँ का सच्चा लाल~
*******************
है भारत का सच्चा लाल
तभी तो है उसकी शेर सी चाल
बड़े वेग से बढ़ता जाए
कहे काम जो करता जाए
देश बिदेश मे डंका बजाया
अपनी भाषा का मान बढ़ाया
योग का प्रचार किया जब
विश्व को योग दिवस दिया तब
हर क्षेत्र को आगे बढ़ाया
नारी का तुम ने स्थर बढ़ाया
दुश्मन देश के छक्के छुड़ाये
अंतकवादी को वही गिराये
जो आज तक हुआ नही
वो तुम ने कर के दिखलाया
सर्जिकल स्टाइक जैसे मिशन
तुम ने सफलता से करवाया
मृत सैनिकों का मान बनवाया
सहते तुम रहते तीखे व्यंग्य
विपक्ष हर दम तुम्हारे कामों से दंग
तुम हो भारत माँ के सच्चे वीर
कभी ख़ाली न जाये तुम्हारे तीर

टिप्पणी :- भारत मे बहुत सालों बाद एक ऐसा नेता हुआ है जिसने अपने देश का नाम विदेशों मे जा कर भी ऊँचा किया हमारी मात्र भाषा को विदेश मे भी मान दिलाया जो मिटने लगी थी उसे पूर्ण रूप से जीवित करके उसको उसका स्थान दिलाया ----योग के बारे मे बता कर विश्व भर मे योग दिवस मनवाया ----हर क्षेत्र को उन्नति की दिशा दी --हर क्षेत्र मे नारी को प्राथमिकता दी ---विपक्ष चाहे कुछ भी कहता रहे वह अपना काम करते रहते है ----अतंकवाद को ख़त्म करने के लिए तुमने सर्जिकल स्टाइक जैसा मिशन किया जो पूर्ण रूप से सफल रहा ---यह ऐसा कार्य था जो कभी किसी ने नही सोचा था कि हम भी ऐसा कर सकते है -----जिससे दुश्मन भी चक्करा गया और उसकी सच्चाई सारी दुनिया के आगे आ गई ----


प्रभा मित्तल 
~~~~कर्तव्यनिष्ठा~~~

मनुष्यमात्र के लिए तुम प्रेरणा के मूल स्रोत,
वचनबद्ध औ कर्म भाव से सर्वथा ओत-प्रोत।
तुम हिमालय सम उज्ज्वल उन्नत दृढ़ बली,
सीमा पर सजग सैनिक,तुम अपनी कर्मस्थली।
मन की बात की जन-जन से,स्नेह की धारा बही,
दुःख-सुख सुन उनका,प्रांत-प्रांत की खबर मिली।
स्वस्थ तन हो स्वस्थ मन हो,रहे निर्धन न कोई,
स्वच्छ हो घर-बाहर हमारा,न सुनें कहीं बेटी रोई।
दुश्मन को ललकारा है पोक हमारा, कश्मीर न देंगे
जंग हुई तो तुम ही नहीं सँभलोगे, हम संभाल लेंगे।
भारत भूमि हो या जननी वो सदा रहे मातृ-भक्त,
माँ की आँखों के तारे बन राष्ट्र को बना रहे सशक्त।
भ्रष्टाचार खत्म हो और काले धन पर रोक लगे,
सेवा औ सर्व-धर्म समभाव से बापू की राह चले।
प्रज्वलित हैं आशा के दीपक अच्छे दिन लौटेंगे
प्रधानमंत्री मोदी जी के सपने अवश्य ही सच होंगे।
सत्यमेव जयते,सत्यमेव जयते,सत्यमेव जयते!!

टिप्पणी: हमारे प्रधान मंत्री मोदी जी की कर्तव्यनिष्ठा पर किसी को संदेह नहीं।कुछ तो बात है इस व्यक्तित्व में जो विरोधी शक्तियाँ भी इस व्यक्ति को नहीं झुका पाईं।

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