मित्रो नमस्कार !
तस्वीर देख आप समझ ही गए होंगे कि मैं आपसे इस चित्र के माध्यम से क्या कहलवाना चाहता हूँ. फिर भी
नियम :
१. इस चित्र पर उभरे हुए आपके भाव जिसे शीर्षक व् एक टिप्पणी [ आपके शब्दों का कारण व् सृजन के
पीछे की सोच ] के साथ लिखना है.
२. किसी भी काव्य विधा में कम से कम १०- १२ और अधिकतम २४ पंक्तियों में आपको अपने भावों को रखना है. अगर आप किसी नई विधा में लिख रहे हैं तो अवश्य उसका उल्लेख करे.
३. कृपया किसी भी सदस्य की रचना पर टिप्पणी रूप में अपनी टिप्पणी न लिखे. यदि आप पोस्ट के संबंध में कोई बात पूछना चाहते है तो अवश्य पूछे लेकिन समाधान के बाद टिप्पणी को हटा लिया जायेगा.
४. निर्णायक मंडल के सदस्य केवल प्रोत्साहन रूप में लिख सकते है और आशा है वे प्रोत्साहन हेतु अवश्य अपने भाव समय से पूर्व प्रेषित करेंगे.
५. आप अपनी रचना को परिणाम घोषित होने व ब्लॉग में पोस्ट होने के बाद ही आप अन्य स्थानों पर पोस्ट कर सकते है.
६. रचना पोस्ट करने की अंतिम तारीख २६ अगस्त २०१९ है.
७. शुभकामनाएं !!!!!
इस प्रतियोगिता की विजेता है सुश्री रोहिणी नेगी
प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल
प्रोत्साहन हेतु
~एक ध्वज, एक निशान~
अखंड भारत के
हमारे सपने का
अब श्रीगणेश हुआ
मेरे भारत में अब होगा
एक ध्वज, एक निशान
सहत्तर सालों से
जिसका था इंतज़ार
हटा कर तीन से सहत्तर
मोदी शाह की जोड़ी ने
देश को दिया बड़ा उपहार
जम्मू कश्मीर और लद्दाख में
होगा अभी केंद्र का शासन
बन कर भारत का अभिन्न अंग
हम चलेंगे संग संग
बनेगा मेरा भारत महान
आतंक का होगा सहार
बढ़ेगा स्नेह और व्यापार
भारत का मुकुट फिर चमकेगा
शामिल हो विकास यात्रा में
खुशहाली का होगा संचार
टिप्पणी: देश की अखंडता, एकता व् सुरक्षा केंद्र सरकार ने एतेहासिक फैसला लिया है. हर भारतीय आशा करता है की अब कश्मीर में विकास और खुशहाली लौटेगी....बंटा हुआ भारत अब अखंड भारत व् श्रेष्ठ भारत की और अग्रसर है ...जय भारत
Mita Chakraborty
एक झण्डा एक देश
अब एक ही झण्डा और एक है देश मेरा
कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक है देश मेरा
शत्रु भी अब कर न पाएगा खण्डन इसका
जाँ बाज वीरों का ऐसा देश है मेरा
भौगोलिक संरचना बदली , बदला इतिहास आज पुराना
अलग थलग था जो कश्मीर, भारत के सर का ताज बना
अलगाववादी नेताओं की अब चल न पाएगी मनमानी
एक सुत्र मे देश बंधा और अब एक ही संविधान बना
उपेक्षित सा था जो लद्दाख अब उसको भी नया आधार मिला
सबको समान अवसर और एक समान अधिकार मिला
आजादी के बाद सम्पूर्ण आजाद हुआ है देश मेरा
कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक है देश मेरा
अब एक ही झण्डा और एक है देश मेरा
नैनी ग्रोवर
मेरा काश्मीर
अधूरा-अधूरा सा लगता था देश मेरा,
आज एक ही घर मे पूरा परिवार बस गया..
मेरे हिमालय की खुशबू महकने लगी है,
फूलों से सारा मेरा काश्मीर सज गया...
फैंक के पत्थर लौट आओ,
हिंदुस्तान के बच्चो,
इक नया सवेरा आया है,
नसीब जग गया...
बहकावे में अब नहीं आओगे,
ये खुद से करो वादा,
चलो सितारों की और अब,
नया चांद खिल गया...
कामयाबी अब दूर नहीं तुमसे,
बस इतना यकीन करना,
दो तमाचा दुश्मन के मूंह पे,
देखो भारत का नक्शा बदल गया...
टिप्पणी: 370 और 35 A की धारा हटना बहुत आवश्यक था, मासूम बच्चों को गुमराह कर उनके मन में नफ़रत भरने का काम करने वाले देशद्रोहियोँ के मुहं पर ये झन्नाटे दार चांटा है, जो अपने बच्चों को तो विदेशों में पड़ने भेज देते हैं, और घाटी के मासूमों के हाथों में पत्थर थमा देते हैं...
रोहिणी शैलेन्द्र नेगी
भारतवर्ष का स्वरूप
*****************
चोटी का सिर-दर्द बना था जो,
वो दर्द मिटाया है,
आज शहीदों के बलिदान का,
क़र्ज़ उन्हें चुकाया है,
मस्तक जो सूना था अब तक,
उस पर तिलक लगाया है,
मेरे भारत-वर्ष के माथे का,
स्वरूप लौट आया है।
दो विधान और दो निशान की,
गाथा बहुत सुनाते थे,
"भिन्न हैं हम" कहकर स्वयम् को,
जो ये भ्रम फैलाते थे,
आशंकाओं के घेरे में,
जो फ़साद करवाते थे,
आज सुना है वक़्त ने........
उनको भी रुलाया है,
मेरे भारत-वर्ष के माथे का,
स्वरूप लौट आया है।
है सम्पूर्ण अधिकार सभी का,
वो सम्मान मिलेगा सब,
खण्ड-खण्ड में जो बिखरा था,
आज अखण्ड हुआ है अब,
काली स्याह रात की परछाईं का,
अंत किया है अब,
एक राष्ट्र हैं हम.....जनहित में,
जारी ये करवाया है,
मेरे भारत-वर्ष के माथे का,
स्वरूप लौट आया है...!
मेरे भारत-वर्ष के माथे का,
स्वरूप लौट आया है...!!
टिप्पणी: कश्मीर मे धारा-३७० और ३५-ए को पूर्ण रूप से समाप्त करने के बाद अब वहाँ के लोगों को उनके संवैधानिक अधिकार प्राप्त होंगे। कोई भी राजनेता धर्म और जिहाद के नाम पर उन्हें भड़का नहीं सकेगा। कश्मीर से कन्याकुमारी तक अब सही मायने में भारत एक अखंड राष्ट्र बना है।
किरण श्रीवास्तव
नव भारत
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अमन चैन
लगी है छाने,
अलगाववाद की
बंद दुकानें..!
नयी क्रांति और
नया सबेरा,
घाटी में अब
हुआ बसेरा..!!
सूरज चमका
धरती हर्षायी,
बदला इतिहास
जीवन मुस्कायी..!!!
एक संविधान
तिरंगा एक,
नियम कानून
भी लागू एक..!!!!
उपेक्षित था
लद्दाख का रूप,
उसनें पाया
अलग वजूद..!!!!!
वर्षों का सपना
हुआ साकार,
बदली व्यवस्था
बदला आकार..!!!!!!
भारत माता
अति हर्षायी,
खुशहाली सर्वत्र
है छायी.....!!!!!!!
टिप्पणी: धारा370 और 35 A की वजह से अलगाव वाद का बोलबाला था। आवाम तबाह था उपर्युक्त धारा को खतम करनें का सपना लिए कितनें दिग्गज चले गये...। अंततः सपना पूरा हुआ,इसका श्रेय हमारे मोदी जी और उनके सहयोगी टीम को जाता है। भारत के इस कुशल शासक को दिल से सलाम।
Ajai Agarwal
अब घाटी हर्षायेगी --प्रोत्साहन के लिए --
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अब घाटी हर्षायेगी
अपना सच्चा हक पाएगी
दो पालों में लुटी- पिटी सी
दो झंडे, दो संविधान की
मजबूरी में घुट-घुट के जीती
भारत माँ अब मुस्क्यायेगी।
केसर की सुरभि से अब तो
सारा भारत महक उठेगा
कहवे संग चाय की चुस्की
बतकहियाँ कितनी होंगी अब
फुलकारी पंजाब प्रांत की
कश्मीरी शालों पे काढ़ी जायेगी
कजरी के नृत्यों संग अब तो
वुगी -नचुन ,हाफीजा गूंजेगा
अब मेरी भारत माँ का
हृदय कभी नहीं रोयेगा
डल के दर्पण में सारा
भारत अब मुहं देखेगा
एक देश का एक हो झंडा
एक ही हो संविधान हमारा
मोदी जी ने किया है देखो
माँ भारती का पुनर्संस्थापन।।
टिप्पणी: 5 अगस्त 2019 का दिन भारत के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में एक पृष्ठ लिखा गया जब जन-जन के नायक मोदी जी ने स्वतंत्रता प्राप्ति से चले आ रही कानून की धारा 370 को एक झटके में समाप्त कर दिया - खुशियों की ये कविता उसी संदर्भ में।
रुचि बहुगुणा उनियाल
भारत की भूमि पर बिना भय रहिए
(मनहरण घनाक्षरी)
केसरिया पगड़ी है, हाथों में तिरंगा जहाँ
ऐसे देश के सपूतों पर, हमें अभिमान है।
निडर खड़े हैं वीर, रक्षा करने सीमा पर
एक_एक वीर यहाँ, सिंह के समान है।
भारती की आन_बान, शान के लिए
देखो करते अपनी-अपनी, जान कुर्बान हैं।
भीततरघात कर रहे जो, साँप आस्तीन के
उनकी हत्या करना तो, पुण्य के समान है।
एक राष्ट्र, ध्वज एक, कर दिया है अगर तो
देश के प्रधान पर, ऐसे न बिगड़िए ।
काश्मीर से लेके, है कन्याकुमारी एक
पापियों के पाप को, और मत सहिए।
जहाँ चाहे बिना भय, घूमा कीजै हिंदोस्ताँ में
भारत की भूमि पर, बिना भय रहिए ।
सात दशकों का कुष्ठ, पल में सुधार दिया
देश के प्रधान की जय, बार_बार कहिए।
टिप्पणी _भारतवर्ष के सुयोग्य प्रधानमंत्री के ऐतिहासिक निर्णय ने देश की दशा और दिशा को सुधारा है और इसके लिए जो भी कहूँ सब कम होगा! सत्तर वर्षीय कुष्ठ रोग के समान भारत से लिपटा धारा 370 का रोग प्रधानमंत्री ने धोकर माँ भारती के भाल पर केसर तिलक किया है, और इसके लिए आज के ही नहीं आने वाली पीढ़ियों के लिए भी आदरणीय प्रधानमंत्री का नाम एक महापुरुष की तरह उल्लेखनीय है! नमन उनकी राष्ट्रधर्मिता को मेरा प्रणाम।
Madan Mohan Thapliyal
प्रोत्साहन हेतु - पूर्ण आजादी की अलख
आर्यवर्त की हुंकार
*************
कोई कहे आधा सिर मेरा
चैतन्य शरीर यह नहीं स्वीकारता
पूर्णता ही मेरा संकल्प है
अपने शरीर के शीर्ष भाग को गिरवी रख कर -
तुम कैसे सो गए, तुम इतने निर्दय तो नहीं थे
न, मुझे यह स्वीकार नहीं, मुझे कांटों में सोना आता है
धैर्य की बातें मुझे विचलित करती हैं
अभी तो आस्तीन के सांपों से लोहा लेना है
जिन्हें मैंने रक्षक समझा -
कुर्सी की चाहत ने उन्हें कर्मक्षेत्र से विमुख कर दिया
किसी का शहीद होना, मुझे कायर बनाता है
अपनी कोख सूनी सी लगती है
जो मेरी आजादी के लिए कृत-संकल्प हैं
मुझे उनपर पूर्ण विश्वास है, वे निराश नहीं करेंगे
आज पूरा विश्व हमारी प्रशंसा के गीत है गाता
यही कुर्सी भक्तों को रास नहीं आता
दृढ़ संकल्प और और मां भारती के जयघोष काचहुं ओर बजता डंका
पूरव से पश्चिम तक, फहराया और फहरेगा एक तिरंगा
एक देश, एक संविधान और एक कानून यही सपना है
फिर हर कोई गाएगा, अखंड भारत अपना है
टिप्पणी: हर देशवासी का एकमात्र सपना है अखंड भारत।
मीनाक्षी कपूर मीनू
एक भारत , एक परिवार
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हमारी संस्कृति का एक गान
हमारा देश है भारत महान
फिर क्यों ये अलग सा था
अलग झण्डा,गान अलग था
आज़ादी की लड़ाई साथ लड़ी
सब जनता भी थी साथ खड़ी
फिर क्यों छोड़ दिया था ताज
अलगाव की चादर तानी बड़ी
बीता युग, प्रताड़ना बहुत सही
पत्थर भी फेंके, उफ्फ न कही
विचारधारा के मंथन में ,मनस्वी
अमित मोदी धारा सब जगह बही
अब भारत परिवार है एक संस्कार
कड़े फैसले ,घर परिवार को जोड़े
बुजुर्ग बन मोदी जीआये सीना तान
गृह दुश्मनों के सामने हो गए खड़े
अब धारा तीन सौ सत्तर को हटाकर
एक झंडा गान दे पूर्ण कर दिया शरीर
लद्धाख की उपेक्षा को अपेक्षा बनाया
यथार्थ बन गया,स्वप्निल जम्मू कश्मीर
टिप्पणी: भारत माँ रूपी शरीर का एक अंग कैंसर से पीड़ित था इतने साल हो गए उपचार न हुआ । मोदी जी डॉ बन आये एक झटके से वायरस को पकड़ बीमारी का उपचार कर दिया औऱ आज भारत माँ अपनी पूर्ण आभा ले दुश्मनों को अपना सुसंस्कृत रूप दिखा रही है। एक भारत, एक परिवार ।
प्रभा मित्तल
धरती पर स्वर्ग
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"स्वर्ग अगर है कहीं जमीं पर
तो यहीं है यहीं है यहीं है।"
भारत का सिरमौर प्यारा
ऐसा है कश्मीर हमारा।
अलग-थलग सम था प्रदेश
ध्वज भी दूजा लहराता था,
सत्तर सालों बाद सुशोभित
हुआ अब एक झंडा एक देश।
घाटी गाए शांति के गीत
महके खुुुशियाँ, महकें मीत
आदि शंकर की लगे समाधि
बरसे बर्फ़ानी बाबा की प्रीत।
सजे प्रांत औ सब्ज वाज़वां
सर्द मौसम हो गर्म कहवा
नदरू यख़नी हाक गुशतबा
लाजवाब हो सबका ज़ायक़ा।
अब न बरसें अंगार फूट के
हो न कोई संगसार झूठ से
चलें न गोली,बिछें न लाशें
बस्ती में न गूँजें बम धमाके।
केसर की क्यारी में अबकी
नित महकें फूल अमन के,
सूरज की किरणों से प्रभात
हँस-हँसकर डल में चमके।
गीली पगडंडी पहलगाम की
बड़ी हवेली अनन्तनाग की
गुलमर्ग के धवल शिखर हों -
सड़क बड़ी हो लाल चौक की,
सब पर रौनक धूमधाम हो।
खुशहाली का नव वितान हो।
खिले जिंदगी, गूँजे किलकारी
आई हँसकर जीने की बारी,
बच्चे खेलें निर्भय,कहें शान से
कश्मीर में है स्वर्ग सी तैयारी।
गुरबत के दिन तो गए अब
छँटा अँधेरा बदहाली का,
दुश्मन! तू भी देख समझ ले
सचमुच है ये स्वर्ग धरा का।।
भारत का मणि मुकुट है न्यारा !
सबका प्यारा कश्मीर हमारा ! !
टिप्पणी: भारत और कश्मीर आज एक ध्वज एक देश है।उम्मीद है अब कश्मीर सुरक्षित,सुगठित और बलवान होगा,भेदभाव को दूर करें,आतंक का खात्मा हो।
कुसुम शर्मा
आओ मिल कर ख़ुशी मनाये !
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आओ मिल कर ख़ुशी मनाये
देश के ग़द्दारों को सबक़ सिखाये
कश्मीर की रंगी वादियों मे
अपने तिरंगे को फहराये !
जो हुआ नही बरसो से
उसको आज साकार बनाये
कश्मीर से कन्या कुमारी तक
जय हिन्द के नारे लगवाये !
अब न होगा कोई अशिक्षित
न होगा कोई लाचार
मिलेंगे सभी को
एक से अधिकार !
न कोई बहकायेगा
न आतंक पैर जमायेगा
अपने पूरे भारत मे तिरंगा ही लहरायेगा
नापाक इरादों को अब धूल चटवाये !
आओ मिल कर अब ख़ुशी मनाये !
टिप्पणी: 370 धारा के हटने के कारण अब हमारे देश का नक़्शा बदल गया है देश एक है !तो प्रधान एक नारा! एक !ध्वजा एक !एक से अधिकार मिलेंगे सभीको ! जो देश के ख़िलाफ़ नौजवानों को बहका रहे थे अब वह नही बहका पायेंगे !
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