Thursday, February 6, 2014

25 जनवरी 2014 का चित्र और भाव



जगदीश पांडेय 
हिंद की अपनें आवाज तुम सुनों तो जरा
तिलक माटी का माथे लगा देखो तो जरा
न जानें कितनें चढ गये शूली प्यार से
बिछड गये वो माँ बाप से और यार से

आखिरी पल में उनके चेहरे चमकते रहे
देख शहादत की उमंग दुश्मन जलते रहे
याद कर शहीदों को आँसू बहा के देखो जरा
तिलक माटी का माथे लगा देखो तो जरा

हमें जान से है प्यारा तिरंगा
अपनी आन से प्यारा तिरंगा
शान से भी है प्यारा तिरंगा
सबसे न्यारा है हमारा तिरंगा

तिरंगा को दिल में बसा कर देखो तो जरा
तिलक माटी का माथे लगा देखो तो जरा
हर दिल में बसता ये लोकतंत्र हमारा है
दुनियाँ में मजबूत ये गणतंत्र हमारा है

हिंदी हैं हम वतन हिंदुस्तान हमारा है
सारे जहाँ से अच्छा गुलिस्ताँ हमारा है
इस बगिया को महका कर देखो तो जरा
तिलक माटी का माथे लगा देखो तो जरा


प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल
मेरा गणतंत्र मेरी पहचान ...

26 जनवरी 1950 को संविधान बना भारत की पहचान
तिरंगे में है मेरे भारत की आन, बान, शान और पहचान

गणतंत्र का ये तंत्र, मेरे हिन्दुस्थान की गौरव गाथा है
देश के लिए मर मिटने वाले शहीदों की अमर गाथा है

सैन्य-शक्ति से हम भरपूर, जोश में बस तिरंगा बसता है
मान-सम्मान का ये मेला राजपथ पर आज खूब सजता है

करता है सलाम हर भारतीय हमारे भारत की सेना को
आओ एक इमानदार नागरिक बन सहयोग दे सेना को



बालकृष्ण डी ध्यानी 
गणतंत्र दिवस

कविता मेरी
गणतंत्र दिवस कि
भारत माँ के
सविधान गठन कि

सब धर्मों को
एक सूत्र में बांधा
मेरे देश को
एक माला में पेरा

रोज नई अब
धरती श्रृंगार रचाती
धानी धोती पहन माँ
पूर्व दिशा से आती

जन खड़ा है आज
स्वागत करने
तिरंगा लहराकर माँ का
अभिवादन करने

बसंती रंग कि
महिमा अतिभारी
हृदय माथा चढ़े
दुश्मन डरे बारी बारी

प्रभुता अखंडता पर
तिलभर आंच न आने पाये
सब धर्म मिलजुल कर
देश को आगे बढ़ाएं

सक्षम युवा के हाथों में
सब कुछ अब है उन पर निर्भर
पुराने अनुभव साथ लेकर
भारत गणतंत्र संवारे

कविता मेरी
गणतंत्र दिवस कि
भारत माँ के
सविधान गठन कि


Pushpa Tripathi 
*~*~*~*~ ये देश हमारा *~*~*~*

भारत बना
संविधान बना
हम देश का
जिम्मेदार कानून बना l

भारत वासी
पहचान यही बस
तिरंगा झंडा
देश गौरव बना l

देश के लाल
जय वीर जवान
आम किसानों का
अधिकार बना l

जन्म भूमि
पग पग शीश नमाऊं
पावन दिवस
'पुष्प ' गणतंत्र बना l


सभी रचनाये पूर्व प्रकाशित है फेसबुक के समूह "तस्वीर क्या बोले" में https://www.facebook.com/groups/tasvirkyabole/

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