- सपना
- आज सुबह आया एक सपनासच जैसे कोई हो अपना,!!!एक राजा अद्भुत ऐसा थासिर पर जिसके मुकुट सजा था,!लगता था वह बिल्कुल अलग,हाथ में उसके सजे खड्ग !ना कोई सिंहासन था,ना लगा कोई दरबार.!ऐसे खड़ा हुआ था वोजैसे कोई पहरेदार..!!!!
- 1. तलवार और राजा
- सर पर मुकुट हो तो
हाथ में तलवार चाहिए
अपनी नहीं तो भी
प्रजा की सुरक्षा चाहिए... - 2..चतुर सत्ता मोहरा राजा
वो सिर्फ मोहरा था
उसका किरदार राजा होना था
सत्ता सत्ता खेला खेल रहे थे सातिर
राजा बेआँख बनाक बेकान बेमुंह था
उसे राजा ही होना था........
~~शीश मुकुट ~~
ऐश्वर्य भोगें !
खड्ग हस्त ले !
शीश मुकुट !
ले दर्प हार !
राज मद भोगते !
श्वेतधारी ये !
ह्रदय हीन !
चेहरे सपाट से !
भाव विहीन !
कठपुतले ये !
रंगे चंट सियार !
राजनीति के !
- देखो भाई कलयुग का प्रताप
इस युग का कलयुग है राजा
चढ़ जाये जिस पर उसका बज गया बाजा !
सर पर पैसों का मुकुट,
हाथ मे पापों की तलवार ,
जाये जिस ओर इसका होता जयजय कार !
देश विदेश के भ्रमण करता ,
जहाँ चाहे वहा ,वही पर रहता !
इसका एकछत्र अधिकार,
चोरी ,लूटमारी ,बलात्कारी न जाने कितने है इसके अधिकारी !
जहाँ पड़ती इसकी छाया
वहाँ पर हाहाकार मचाया
देखो इसकी माया का प्रताप
जो फैली चारों ओर ,
इसका न कोई भाई बहन है
न ही इसके माँ और बाप
न ही मित्र है इसका
न ही इसमें प्रेम सत्कार !
जैसा है ये पकड़ दूसरो को बनाये अपना जैसा !
पैसा ही है इसकी माया
सारे कलयुग मे पैसा ही छाया !!
सभी रचनाये पूर्व प्रकाशित है फेसबुक के समूह "तस्वीर क्या बोले" में https://www.facebook.com/groups/tasvirkyabole/