Monday, May 20, 2013

11 मई 2013 का चित्र और भाव




नैनी ग्रोवर
क्या करूँ मैं बैठा -बैठा,
फेसबुक ही अपडेट करूँ ..
कुछ अपने यार दोस्तों से,
थोडा मैं भी डिबेट करूँ ..

एक फ्लेवर नया नया,
पेडीगिरी का आया है ,
कंपनी कह रही है देखो,
आम उसमें मिलाया है,
मैं तो मिनट भर में ही ,
सफाचट अपनी प्लेट करूँ ..

कुछ अपने यार दोस्तों से,
थोडा मैं भी डिबेट करूँ ..

गर्मी का मौसम है आया,
बाहर जाना मुझे सुहाता नहीं,
बिना कूलर और ए सी के ,
कुछ भी मुझको भाता नहीं ,
कर कर के मैं लाइक कमेन्ट,
बार बार उन्हें डिलेट करूँ ..

कुछ अपने यार दोस्तों से,
थोडा मैं भी डिबेट करूँ .....!!


केदार जोशी एक भारतीय 
सारा चक्कर है लैपटॉप और कंप्यूटर का ,
में भला कैसे इस से दूर रहू .

में हु लोहा ये है चुम्बक ,
कब तक इस से दूर रहू

लोग घंटे बिजी रहते है इस में ,
सौचता हु एक आध घंटे में भी पास रहू ..

आखिर ये पूरा खेल है टेक्नोलॉजी का ,
में भला कैसे इस से दूर रहू .


प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल 
~गाली मत देना~
हे इन्सान! कुत्ता कह कर गाली मत देना
नज़र उठा आँखों में चढ़ा चस्मा देख लेना
तेरे कर्म से वाकिफ है आजमा कर देख लेना
स्वामीभक्त कैसे होते है, ये हमसे सीख लेना

हर भाषा जानते पर एक जुबान में उतर देते है
जंग हो या अभिनय हम तुम सा हौसला रखते है
प्यार करो या दुश्मनी हम भी निभाना जानते है
वफदारी फितरत है दुश्मन को खदेड़ना जानते है

इन्सान तो अब मिलना छोड़ कंप्यूटर से चिपके है
अच्छा बुरा प्यार दुश्मनी सब कम्यूटर पर करते है
बतलाए तुम्हे हमने भी अब कंप्यूटर गुर सीख लिए है
तुमसे मिलने फेसबुक पर रोज स्टेट्स अपडेट करते है


Govind Prasad Bahuguna 
अब डॉग पर ब्लॉग लिखने का जमाना है
डॉग की महिमा अपार है
घर से लेकर स्वर्ग के द्वार तक
पितृपक्ष में भी आमंत्रण के योग्य
स्वामिभक्ति के लिए स्मरण किये जाने योग्य
अपने कर्तव्य पर चौकन्ना
कहते है कि आप संबिधान के "वाचडॉग" हो
कोई गलत करेगा तो आप उस पर भोंकोगे
नहीं मानेगा तो उसको काटोगे
आप विद्यार्थी हैं तो आपकी निद्रा डॉग की तरह होनी चाहिए
आप जासूस हैं तो डॉग की तरह सूंघिये
चोर की नब्ज ढूंढिए
अब आदमी से भरोसा उठ गया
और डॉग पर भरोसा बढ़ गया I
फैशन में एक ज़माना था डॉग कालर का
"स्वामी की आवाज' में बोलने वाला डॉग
संगीत की दुनिया में चर्चित हुआ-अब स्लम डॉग नाम से पुरस्कृत हुआ
और क्या क्या कहें हम डॉग की तारीफ़ में ...


प्रभा मित्तल 
भई वाह ! आज ये मेरे हाथ लगा है
जब मालिक घर से चला गया है
रोज देखता हूँ..बूढ़े बच्चे और जवान
इसी से चिपके रहते हैं दिन तमाम
गली-क्रिकेट ,कँचे, गुल्ली-डंडा,
पिट्ठू-गरम ,खो-खो और लँगड़ी-टाँग
भूल गए सब कहाँ रहे अब इनके नाम।

ऐसा क्या है इस डिब्बे में,
जिससे मैं हूँ अब तक अनजान,
ये क्या घूम रहा है गोल गोल
क्या ढूँढ रहा है इसका काम।

बिन तनख्वाह के रहता हूं
नाइट ड्यूटी भी करता हूँ
एलटीसी,होम टाऊन नहीं मिलता
स्वामीभक्त हूँ,
कुछ तो सुविधा मिले मुझे भी
लैपटाप लिए बैठा हूँ,
फ्रैंड्स सर्च कर लेता हूँ।

दुनिया आगे बढ़ी जा रही
अब मैं भी पीछे नहीं रहूँगा
डब्बू भोटू चिंकी डिंकी हैप्पी
सबसे मिल इसपर चैट करूँगा

मेरे भी संगी साथी बनकर मॉड
बंद हो गए ए सी वाले महलों में,
तरह-तरह की ड्रैस पहनकर
पैडिग्री खाँए सुन्दर प्यालों में।

मैं करूँगा ऑनलाइन शॉपिंग आज,
टी-शर्ट जींस जेबॉन्ग से ऑर्डर कर
फ्लिपकार्ट से ए.सी. भी मँगवाऊँगा
धूप से तपते दड़बे में ठंडक कर
कुछ तो गर्मी से राहत पाऊँगा।


दीपक अरोड़ा 
वाह, ये है फेसबुक फंडा,
अब तक था मैं इससे अनजान
अब मेरे भी होंगे मित्र
सबसे होगी यहां पहचान... दीपक


भगवान सिंह जयाड़ा 
लैपटॉप पर देख अपनी फोटो ,
कुत्ता मन में कुछ यूँ चौंका ,

पहले तो देखा गौर से उसको ,
फिर वह जोर जोर से भौंका ,

निकाल कर अपना चश्मा ,
खूब रगड़ कर उसको पोंछा ,

पहन कर नजर का चश्मा ,
फिर मन में गहराई से सोचा ,

दोस्त बना लूं अपने भी आज ,
क्या खूब मिला है यह मौका ,

देख ढेरों नस्लों को वह अपनी ,
अनेकों रंग रूप देख फिर चौका ,

सोचा हम तो अच्छे है इन्शान से ,
नहीं देते कभी किसी को धोखा ,

देश भेष अलग है हम सब का ,
बोली गुण दोष एक हैं सब का .

बफादरी की मिशाल हम से है ,
जो इन्शान भी नहीं निभा पाता ,

लैपटॉप पर देख अपनी फोटो ,
कुत्ता मन में कुछ यूँ चौंका ,


जगदीश पांडेय 
मैं भी अब प्यार करुंगा अपनीं चाहत का
इजहार करुँगा
बस मिल जाये कोई मुझे भी आँखें उससे
दो चार करुंगा
फेसबुक है निराली दुनियाँ मित्र निवेदन
हर बार करुंगा
चाहे न अपनाए कोई मुझको लेकिन सब पे
ऐतबार करुंगा
मैं भी अब प्यार करुंगा अपनीं चाहत का
इजहार करुँगा
मासुम जानवर मैं हूँ इंसान पर तेरे जैसा
मैं फेक नही
सूरत नही प्यारी मेरी पर मेरे जैसा कोई
नेक नही
मित्र निवेदन करे स्वीकार कोई संग वादा
सौ बार करुंगा
मैं भी अब प्यार करुंगा अपनीं चाहत का
इजहार करुँगा


Rohini Shailendra Negi
"टायसन"
अब ये दौर कितना प्रसिद्ध हो चला है,
तस्वीर देख कर तो ये सिद्ध हो चला है,
आँखों मे चश्मा, पंजों पर "की-पैड" है,
"डौगी" को देखो करता ये "चैट" है |

मेरा "टायसन" इतना एडवांस है,
"फ़ेस-बुक" पर लेता चान्स है,
"फिमेल फ्रेंड्स" से करता "रोमांस" है,
तभी तो इसका अपना "ग्लान्स" है |

न जाने आजतक कितनों को पटाया है,
"फ्रेंड-रिक्वेस्ट" भेज कर कितनों को सताया है,
"कनफर्म" किया तो समझो बात बन जाएगी,
गर नहीं किया तो कोई दूसरी "लाइन" पर आएगी |

दिन मे उसके पास फुर्सत के यही पल खाली हैं,
क्योंकि......रात "घर" की करनी भी तो रखवाली है,
अपना काम निभाना वो बख़ूबी जानता है,
तभी तो सारा "ब्लौक" उससे थर-थर काँपता है |


उदय ममगाईं राठी 
देख स्टेटस ऑनलाइन मालिक का रह गया कुत्ता दंग
बीस बरस से बने तपस्वी फेसबुक ने कर दिया भंग
तकनिकी की इस दौड़ में हम भी किस्मत आजमायेंगे
बफादारी के इस बंधन तोड़ के कब हम खुद को जगायेंगे


ममता जोशी 
बहुत कर ली है चौकीदारी ,
मैं भी सीखूंगा अब दुनियादारी,
अब अपनाऊंगा ये नया ट्रेंड,
बनाऊंगा मैं भी ऑनलाइन फ्रेंड ,
पहले दरवाजे पर लेता था अजनबियों को रोक ,
लेकिन अब फेसबुक में करूँगा दोस्तों को पोक,
सुबह हो शाम या फिर दिन हो या रात,
अब तो फेसबुक में ही लिखूंगा अपने दिल की बात ....


अलका गुप्ता .........................
मैंने भी अब बना लिया है फेसबुक पे एकाउंट |
आओ मित्रों भेजो मुझे अपनी-अपनी रिक्वेस्ट |
देखो मैंने अपना चश्मा भी अब चढा लिया है ...
मैं भी जानू तुममें है वफा की कितनी अमाउंट ||


Neelima Sharrma 
कुछ महीने पहले की बात हैं
फेस बुक हमारा हम पर चिल्लया
की एक आग्रह मित्र का आया
मुझे भी मित्र बनालो
सन्देश इन बॉक्स खिसकाया
बच्चो की फोटो से सजा था था प्रोफाइल
हमने भी स्वीकारी उनकी गुहार कह कर भाई
हर स्टेटस में लाइक था उनका आता
हर कविता उनको हमारा लिखा था भाता

कुछ ही दिनों में अपना रंग देखाया
हम हैरान कुछ समझ नही आया
अजीब सी उनकी बाते थी
बात करने की जिद भी होने लगी
फ़ोन नंबर दे दो अपना की रट पर
अपना संयम मैं खोने लगी

जब एक दिन हमने उनके अबाउट पर गौर फ़रमाया
लिखे पेज देख के उनके हमारा सर चकराया
ऐसे ऐसे पेज उनके अच्छे अच्छे शरमा जाये
अब हमारे दीमाग में कुछ विचार आये

उनके प्रोफाइल का लिंक हमने सहेलियों कोबतलाया
देखो एक कुत्ता फेक प्रोफाइल बनाकर कुंठा शांत करने आया

सबने मिलकर उसको रिपोर्ट किया फिर ब्लाक किया
कम से कम यहाँ से एक कुत्ता तो कम किया
तो भाई और बहनों अब मित्र शामिल करो तो देखभाल कर करना
शा मिल हो जायेगा आपकी लिस्ट में एक कुत्ता वरना


Garima Kanskar 
सबको देखता हूँ मै
बस में ट्रेन में
ऑफिस में घर में
सब लेपटाप में
नजरे जमाये होते है
ऐसा क्या है इसमे
सोचता हूँ
मै भी तो देखू
एक बार
तो क्या था
चढ़ा लिया चश्मा
और बैठ गया
लेपटोप लेके
इसे ओन किया
और देखा
कितनी सुंदर है
इन्टरनेट की दुनिया
सच यहाँ आ जाओ तो
किसी को किसी की
सुध नही
सब कुछ मिल
जाता है यहाँ
ज्ञान के साथ
दोस्त भी
सचमुच इंटरनेट
की दुनिया बहुत
ही प्यारी है
आपको भी अच्छी
लगती है न
मुझे भी भा गई
इन्टरनेट की दुनिया



Bahukhandi Nautiyal Rameshwari 
इंसानी संगत का असर देखिये ..
कंप्यूटर चला रहा हूँ ..
रह गयी कितनी कसर देखिये ...
इंसानी नमूने साँझा कर रहा हूँ ..
पसंद आये तो क्लिक कीजिये ..
होम डिलीवरी करवा रहा हूँ ..
पसंदगी पर मोहर कीजिये ..
इनकी दूम नदारद है हुजुर !
मेरी वफादारी पर शक न कीजिये ..
कहो तो ....
सौ में निनानवे बेईमान ..
फिर भी मेरा भारत महान ..
का नारा इनकी जुबानी सुन लीजिये ....
टैग कर इंसानी तसवीरें भेज रहा हूँ ..
भिन्न२ जाति के इंसान सहेज रहा हूँ ...
..

कुसुम शर्मा 
चश्मे पहन कर टौमी आया
आते ही कंप्यूटर खोला
कंप्यूटर खोलते सोच रहा वो
खोलनी है कितनो की पोल
कंप्यूटर राजा तू ही बोल

पहले सुने देश विदेश का हाल
फिर लगाके उसमे विराम
फेसबुक का खोल के पेज
लिखने बैठा मन का भेद

बैठे बैठे सोच रहा वो
क्या कलयुग है आया
जिसने इन्सान को भी
जानवर है बनाया

कोई किसी को काट रहा है
कोई किसी पे भोंक रहा है
इनसे तो अच्छे है हम
जिस घर का खाते है हम
उस पर जान लुटाते हम
कभी पीछे से वार न करते
रहेगे हम सदा वफादार
यही है हमारा विचार


किरण आर्य .
इंसानी फितरत का असर
कुछ मुझपे भी छाया है
आज मैंने भी लैपटॉप पर
फेसबुक चलाया है
वाह ये दुनिया
अज़ब निराली है
यहाँ के रंग है न्यारे
अज़ब यहाँ की माया है
भांति भांति के लोग यहाँ पर
सोच गज़ब सी छाया है
चकाचौंध हूँ भैया मैं भी
चस्मा आँखों पे चडाया है
फेसबुक की रौनक से चेहरा
मेरा भी चमक पाया है
मालिक ही नहीं मेरा भी
जिया अब इसपर आया है
सुबह उठते ही अब मुझे भी
याद इसी की आती है
स्टेटस नित नए डालने को
जिया मोरा भरमाया है
इंसानी फितरत का असर
कुछ मुझपे भी छाया है
आज मैंने भी लैपटॉप पर
फेसबुक चलाया है


अलका गुप्ता .............
अभी तक लिए बैठा हूँ लैपटाप |
अधिकार से पूरे डटा हूँ टीपटाप |
पंजा ना हटाऊं ब्लॉग एक बनाउं ..
भाव लिखना यारों ...क्लास टाप ||


प्रजापति शेष .....
स्वीकार/करूं/या/ नकार/दुं
इसको/काट/लुं/या/मार/दुं
एक/आदमी/नें/टेग/कर/दिया/मुझे
सोचता/हूं/शेष/फेसबुक/ही/फाड/दुं


अलका गुप्ता 
माना प्रतिबिम्ब ! तुम्हारे बाद मैं इतना छा गया हूँ |
अब लेकिन मैं ! इस जिम्मेदारी से घबरा गया हूँ |
फंसा के यहाँ...वफादारी का मेरी ये सिला दिया है ..
बैठ कर इस लैपटाप पर ..... अब मैं उकता गया हूँ ||

माना बल पर इनके ही चलता तुम्हारा पागलखाना है |
अब मुश्किल मगर ..तुम्हारे इन मित्रों को झेल पाना है |
ऐंडे-वेंडे भाव इनके ...अजब -गजब तश्वीरों पर जो उभरें ..
ब्लॉग अपना लो सम्भालो ..बस ना भेजा और पकवाना है |


सुनीता शर्मा 
इतने महीनो से मैं अपना साथी ढूंढ ढूंढ कर हार गया ,
अब इस लैपटॉप पर मैंने भी अपना प्रोफाइल खोल लिया ,
मालिक अक्सर कहता है यहाँ सब कुछ मिलता है ,
चल रे टॉमी तूने भी आज अपने दिल का बंद दरवाजा खोल दिया !


बालकृष्ण डी ध्यानी 
जम गया हूँ

लैपटॉप और ऐनक संग
टंग गया हूँ मै
इन्टरनेट और मन संग
जम गया हूँ

खोज राहों मै सहेज राहों मै
अपना अस्तिव अपने से
गूगल मै उपलोड कर राहों मै
खो ना जाऊं मै लुप्त होना जाओं मै कभी
जम गया हूँ

मै भी हूँ लगा हुआ
इंसानों के संग अड़ा हुआ
हार ना मानूंगा मै भी
आँखों पर शीशा चढ़ा हुआ
जम गया हूँ

लप लप रही जीभ मेरी
रंगों भरी ये दुनिया देख के
आयत भरा ये पिटारा भी
बन गया वो सहारा अभी
जम गया हूँ

अपनी जाति को बचाऊँगा
क्रांती एक नई यंहा उभारूंगा
सब कुत्तों का साथ लाऊँगा
अपनों की यंहा दुनिया बसाऊँगा
जम गया हूँ

लैपटॉप और ऐनक संग
टंग गया हूँ मै
इन्टरनेट और मन संग
जम गया हूँ


सभी रचनाये पूर्व प्रकाशित है फेसबुक के समूह "तस्वीर क्या बोले" में https://www.facebook.com/groups/tasvirkyabole/

1 comment:

  1. वाह्ह्ह्हह्ह्ह्हह बहुत ही सुंदर

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शुक्रिया आपकी टिप्पणी के लिए !!!