Friday, December 5, 2014

10 जून का चित्र आयर भाव



बालकृष्ण डी ध्यानी 

~देख तराजू में दिल तौला~

देख तराजू में दिल तौला
वो भी टूट गया ,वो भी टूट गया
क्या गुन्हा किया था मैंने मौला
तू भी रूठ गया , तू भी रूठ गया

इंसाफ झुक जो मेरी तरफ
उसको ना झुका सका
एक तरफा प्यार मेरा जीत कर भी
तू हार गया, तू हार गया

हर लह्मा गया मेरा जो
तेरी ओर बस तेरी ओर गया
वो किसी और का फैसला
क्यों ना मेरा हो सका ,क्यों ना मेरा हो सका

अब तो बस तन्हाई रुसवाई है
मीलों दूर उसकी सूरत नजर आयी है
वाह रबा क्या तेरी खुदाई
दुनिया जीत कर भी मै हार गया

देख तराजू में दिल तौला
वो भी टूट गया ,वो भी टूट गया
क्या गुन्हा किया था मैंने मौला
तू भी रूठ गया , तू भी रूठ गया



जगदीश पांडेय 
----------- दिल का पलडा --------------

टूटे हुवे दिल का भी पलडा भारी होता है
दिल तोडनें वाला रात को अक्सर रोता है

आह सुनाई देती है जब टूटे हुवे दिल की
नींद हो जाती है दूर रात जब वो सोता है

दीश दुनियाँ की हर खुशी अधूरी होती है
जब किसी का होके कोई किसी को खोता है


अलका गुप्ता 
~~~~~~ना तोलो तराजू पर ~~~~~~~

सैंया दिल है मेरा ना तोलो तराजू पर |
टूट गया दिल मेरा यह लो तराजू पर |
होते नहीं.. सस्ते...ये बंधन प्यार के ..
दिल सच्चा तोले कौन बोलो तराजू पर ||

माना सब कुछ आज बिक जाता यहाँ |
युग है बाज़ारू खरीदार ही आता यहाँ |
कौड़ियों में तुल जाते रिश्ते नाते सभी ..
बेदिल ही होगा रिश्तों को बेच पाता यहाँ ||



सभी रचनाये पूर्व प्रकाशित है फेसबुक के समूह "तस्वीर क्या बोले" में https://www.facebook.com/groups/tasvirkyabole/

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