Friday, January 18, 2013

05 जनवरी 2013



~Dinesh Nayal~ 
हौसलों से होती उड़ान
पंख है मेरे फिर भी न मैं उड़ पाता,
किसी तरह हर राह आसान बनाता
पंख हैं मेरे सुलझे-सुलझे ,
काँटों में हम हैं उलझे
नयी बात क्या बतलाऊं ,
मैं कैसे उलझा तुमको कैसे समझाऊं ....
जीवन के इस डगर पे है कठिनाई,
नहीं किसी से अब तुम डरना भाई.....
पंख हैं हमारे कोमल,
कठिन है जीना यह जीवन....
पंख है एक मात्र सहारा,
जिससे उड़ना जीवन सारा...
पंख हर किसी के पास होती है,
मगर उड़ान हौंसलों से होती है ....
हौसलों से होती है....

~भगवान सिंह जयाड़ा~
नभ की बुलंदियों को छुए मेरा हिन्दुस्तान ,
कभी न घटने पाए हमारे तिरंगे की शान ,
लहराता रहे नभ में यूँ ही सदा,घटे ना मान ,
आंच न आये इस पर ,चाहे चली जाए जान ,
तिरंगा है भारत की आन बान और शान ,
जय हो ,जय हो ,मेरा भारत देश महान ,

~बालकृष्ण डी ध्यानी~
उड़ान मेरी

मन अब ठान ले तू
तीन रंग साथ ले
आकाश पर लक्ष्य तेरा
निशान तू साध दे

बुद्धि तू साथ दे
शिरस्राण तू वार दे
विचार तेरा मानस
किस्मत भी ताज दे

उड़न उस सोच की
आकश पर बिखेर दे
भाव उभरे हैं देश प्रेम के
धमनियों में संचार दे

मुख बोले दिल के बात
जिव्हा पर अब ताल दे
सिहनाद उस गर्जना का
ध्वनी का हुँकार दे
वंदें मातरम्

मन अब ठान ले तू
तीन रंग साथ ले
आकाश पर लक्ष्य तेरा
निशान तू साध दे

~किरण आर्य~
वायु सेना के विमान नभ में लहराए
तिरंगे के रंगों की सुंदर छटा बिखराए
नभ में इन्द्रधनुष से रंग जब छाए
हर भारतीय का दिल ये गान है गाए
सारे जहां से अच्छा हिंदोस्ता हमारा
हम बुलबुले इसकी ये गुल्सिता हमारा
जय हिन्द वन्दे मातरम

~अलका गुप्ता~
हौसलों से उंची हमारी उड़ान है |
तिरंगे की हमारे निराली शान है |
जमीं आसमां पर हम ही छाए हैं |
गर्व से कहते हम हिन्दुस्तान हैं |

~प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल~.
दुशमन को मुंह तोड़ जबाब दिया
जब भी भारत की ओर रुख किया
आपात स्थिति मे सहयोग दिया
सुरक्षा का बीड़ा हर पल उठाया

वायु सेना को सलाम करता देश
इनके कारण सुरक्षित अपना देश
आसमान पर भी तिरंगा लहराया
वायु सेना ने जब करतब दिखाया

~जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासु~
कवि मन मेरा कहता है,
भारत के अम्बर में,
पंख लगाकर उड़ जाऊं,
कविमन जो ठहरा मेरा,
उड़ रहे जांबाज गगन में,
मेरे देश के वीर सपूत,
देश की रक्षा को तत्पर,
शत शत नमन वीर जांबाजों,
तुमको मेरा, तुमको मेरा........

~नैनी ग्रोवर~
मेरे देश के दुश्मन ध्यान रहे,
यहाँ दुश्मन भी मेहमान रहे ,

गर हाथ में तेरे गोले हैं
मेरे देश के बेटे शोले हैं
जिनकी ऊची सदा उड़ान रहे ..

यहाँ विधवा माँ चाहे हो जाए
या गोद ही सूनी हो जाये
पर देश की मेरे आन रहे ...!!

~Pushpa Tripathi~...
तीन रंगों में रंगा गगन
हर जज्बा है इसमे मगन
केसरी .... सफेद और हरा
हर दिल में इसका सम्मान
उड़ चले है लेकर हम
तिरंगे का दिव्यमय प्रकाश
है सलाम मेरा सत सत तुमको
जल .. थल ... वायु सेना के जवान
(जय हिन्द की सेना ....... जय हो )


सभी रचनाये पूर्व प्रकाशित है फेसबुक के समूह "तस्वीर क्या बोले" में https://www.facebook.com/groups/tasvirkyabole/

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