Friday, January 18, 2013

11जनवरी 2013



~Pushpa Tripathi~ 

निर्भय निडर हम है साथ साथ 
उत्साहों में चलते साथ साथ 
बेटा बेटी नही कोई भेद भाव
हम है भावी निर्माता साथ साथ

~प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल~

एकता हमारा विश्वास है
आओ थामे एक दूजे का हाथ
संस्कार और संस्कृति को
लेकर चले 'प्रतिबिम्ब' साथ

~किरण आर्य~

मित्रो का स्नेह और साथ
थामे हंसके हाथों में हाथ
चलते साथ दिन या रात
कहते तुमसे दिल की बात
ग़म खाते हौसले से मात
वक़्त की टेड़ी हुई जात
हौसलों को है अजमात
थाम अपनों का मैं हाथ
लडती निर्भय निडर सी आज

~नैनी ग्रोवर~

प्यारे दोस्तों की टोली हो
उनकी मीठी-मीठी बोली हो ...
कोई ना कभी उदास हो
रोज़ सपनों से आँख-मिचोली हो..
बस ऐसे ही गुज़रे जीवन
हर रात दिवाली दिन होली हो

~बालकृष्ण डी ध्यानी~
चलो साथ साथ

चलें चलो साथ साथ
लेके हाथों में हाथ
चिंटू बबली मन्नू और
साथ चला चुन्नू
चलें चलो साथ साथ
लेके हाथों में हाथ ............

मुख पर मुस्कान और
साथ चले भोली मुस्कान
बढें चलें पर साथ चलें
संग हमारे धरती चले
चले साथ आसमान
चलें चलो साथ साथ
लेके हाथों में हाथ ............

हम बच्चे कल के देश की शान
कल के नये भारत का आधार
एकता ही है मूल मन्त्र हमार
साथ चलें संग संग देश हमारा
२१ सदी की ओर हम अग्रसर
तिरंगा लहरे हर एक जुबाँ पर
चलें चलो साथ साथ
लेके हाथों में हाथ ............

चलें चलो साथ साथ
लेके हाथों में हाथ
चिंटू बबली मन्नू और
साथ चला चुन्नू
चलें चलो साथ साथ
लेके हाथों में हाथ ............

~सुनीता शर्मा~
जीवन के सुंदर उपवन में ,
संगी साथी गाते मस्त बहारों में,
सुख दुःख को बखूबी निभाते वे ,
धोखे की फितरत न रखे वे ,
उम्र के हर पडाव में रहते साथ हैं ,
सच्ची मित्रता सबको लुभाती है ,
आओ सभी इस टोली में शामिल हो ,
दुनिया से यदि वैर वैमनस्य मिटाना हो !

~जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासु~

हँसी खुशी हम साथ हैं रहते,
मन में कोई मैल नहीं,
बिछुड़ जायेंगे जब हम,
ऐसे मिलना खेल नहीं,
हे कवियौं सोचो सोचो,
क्या हमारा सन्देश यही है,
हम तो भारत के बच्चे हैं
नटखट नन्हें प्यारे प्यारे.....


सभी रचनाये पूर्व प्रकाशित है फेसबुक के समूह "तस्वीर क्या बोले" में https://www.facebook.com/groups/tasvirkyabole/

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