~प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल ~
भारत माता की जय
दूर हटाओ यहाँ से भय
अखंड भारत के टुकड़े हुये
अब और न इसके टुकड़े करना
धर्म जाति से संस्कृति को फैलाओ
धर्म जाति की राजनीति को जड़ से मिटाओ
आओ मित्रो देश हित की खातिर एक हो जाओ
~भूषण लाम्बा~
जय तेरी भारत माता,
जग तेरे गुण था गता,
देख माँ आज की हालत,
क्या तुझ को है ये भाता.
मानवता का नाम नहीं है
कोई सच्चा इन्सान नहीं है
तेरे आँचल में पलनेवाले,
कर बैठे है अपने मुह काले
माँ इनको फिर दो सद्बुद्धि
देश में हो मानवता की वृद्धि
~ नैनी ग्रोवर ~
सुन मेरी प्यारी भारत माँ
तेरा हम पर है क़र्ज़ बड़ा
हो पावन तेरे घर का हर कोना
ये ही है हमारा फ़र्ज़ बड़ा ____!!
~ बालकृष्ण डी ध्यानी ~
माँ
बस माँ हो मेरी
वजूद ही मुझमें तेरा
तब ही पूर्ण हूँ मै
माँ
उपकार तेरा
तिरंगा का तुम आधार मेरा
चरण शीश नवावों
माँ
तू जननि तू ही गुरु दत्ता
तू ही भग्य भग्यविधाता
तू ही बस तू ही
माँ
बस माँ हो मेरी
वजूद ही मुझमें तेरा
तब ही पूर्ण हूँ मै
माँ ..........................
~किरण आर्य ~
भारत माता की अस्मत क्यों करते तुम तार तार
इंसानियत अपने हाल पे रोती है आज जार जार
हर दिल में है आक्रोश क्षुब्द हर मन खाए बैठा खार
बना इस आक्रोश को अस्त्र अपना करो दुष्टों का संहार
ठान लो अब नहीं होने दोगे रुसवा अस्मत माँ की
मिटा दो मानसिकता जो है धब्बा संस्कृति संस्कारों पर
ताकि फिर मुस्कुराए भारत माँ हमारी और रहे उसका मान
~अलका गुप्ता ~
जय-जयकार करो माँ भारत की !
करो न खंडित संस्कार भारत की !
एक ही भाषा एक ही हो अभिलाषा !
पहचान एक हो हर भारतवासी की !!
~जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासु ~
भारत माता तुम्हें प्रणाम,
बनकर सीमा का प्रहरी,
दुशमन से देश की रक्षा करूँ,
जन्मभूमि के लिए मिटूँ मरूं,
जन्मभूमि का सृंगार करूं,
ये संकल्प है मेरा,
जन्म लिया भारत भूमि पर,
जीवन धन्य है मेरा
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