Sunday, January 27, 2013

26 जनवरी 2013 का चित्र और भाव


26 जनवरी 2013 के इस चित्र मित्रो को भाव निम्नलिखित दो पंक्तियों के आधार पर लिखने थे 
भारत की गरिमा को हम कुछ न होने देंगे
तिरंगे की खातिर हम सब कुछ कर जायेंगे।
( मित्रो के भावो को प्रवर्तित किया है कुछ जगह आशा है उन्हें पसंद आएंगे )


सोया जनतंत्र जगाने को, अपना गणतंत्र बचाने को 
जन -जन में विश्वास जगाएं, मिलकर ऐसा कर जाएँ 
होकर निर्भय, आओ तिरंगा हम सब गर्व से लहराएँ
छू कर मिट्टी भारत की, आओ हम माथे पर लगाएँ 

भारत की गरिमा को हम कुछ न होने देंगे
तिरंगे की खातिर हम सब कुछ कर जायेंगे।
                                                                                     (ममता जोशी)
अनगिनत गिले - शिकवे हैं हमें अपने शासकों से,
अनेक हैं चाहे मतभेद हमें देश के राजनीतिज्ञों से,
कुर्बानी कैसे होती है आओ सीखे हम अपने शहीदों से 
तिरंगे की अस्मिता पर, कुर्बानी देंगे हम पहले सबसे.

भारत की गरिमा को हम कुछ न होने देंगे
तिरंगे की खातिर हम सब कुछ कर जायेंगे।
                                                                                   (Yogesh Raj)
यहाँ हर दिल में ख़ास रौशनी होती है.
प्रेम - मोहब्बत भरे जज्बात सबके है.
मंदिर - मस्जिद- गिरजाघर भी बोले,
एक ही मिट्टी से मुलाक़ात हमारी है.

भारत की गरिमा को हम कुछ न होने देंगे
तिरंगे की खातिर हम सब कुछ कर जायेंगे।

जाति - जमात में जो बांटे हम सब को,
कह दो हमारी एक हिन्दुस्तानी जात है.
भ्रष्टाचार मिटाने को लड़ रहे हैं हम सब,
पर हम पर ये हो रहा कैसा आघात है ?

भारत की गरिमा को हम कुछ न होने देंगे
तिरंगे की खातिर हम सब कुछ कर जायेंगे।

अब उठो जागो ऐ मेरे वतन के लोगों,
जम्हूरियत की अब तो निकली बरात है
साथ मिल के अब आगे ही आगे जाना 
हर हाथ तिरंगा वतने हमारा आज़ाद है 

भारत की गरिमा को हम कुछ न होने देंगे
तिरंगे की खातिर हम सब कुछ कर जायेंगे।
                                                                                 Vinay Mehta 
गरम, नरम और शांति का हम लेकर रंग
सदा रहेंगे हम मिलकर, एक दूजे के संग
बस यह एक सन्देश दुनिया को हमारा है
हम सहनशील हैं हद तक, अभी इतना जानों

भारत की गरिमा को हम कुछ न होने देंगे
तिरंगे की खातिर हम सब कुछ कर जायेंगे।

धैर्य को कमजोरी तुम हमारी न मानों 
सुभाष भगत आज़ाद को भी तुम जानों 
आँख उठाने की हिम्मत न तुम कर देना 
उठ गए हाथ गर तो पडेगा तुमको पछताना 

भारत की गरिमा को हम कुछ न होने देंगे
तिरंगे की खातिर हम सब कुछ कर जायेंगे

एक गाल पर पड़े तो दूजा आगे कर देते है
पर तीजे की इन्तजार कभी नहीं हम करते है,
फिर तुम समझ लेना क्या से क्या हो जायेगा 
हम से टकराने वाला बस फूट फूट कर रोयेगा 

भारत की गरिमा को हम कुछ न होने देंगे
तिरंगे की खातिर हम सब कुछ कर जायेंगे
                                                                                             भगवान सिंह जयाड़ा 
मना रहे है गणतंत्र दिवस आज हम 
केवल इस दिन गौराविंत होते है हम 
जरुरी है गणतंत्र का मतलब समझे 
देश की खातिर अपना कर्तव्य समझे 

भारत की गरिमा को हम कुछ न होने देंगे
तिरंगे की खातिर हम सब कुछ कर जायेंगे

समाज, देश के प्रति जिम्मेदारी निभाएँ
जन जन के प्रति हम अपना प्रेम दिखाएँ 
तिरंगे हर दिल अजीज बने ये समझाएँ
शत्रु को दे जबाब भारत का गौरव समझाएँ 

भारत की गरिमा को हम कुछ न होने देंगे
तिरंगे की खातिर हम सब कुछ कर जायेंगे
                                                                                           प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल 
बहुत डाल चुके मजहबी फूट भाई भाई में ।
अब राष्ट्रधर्म को अपना मजहब हम बनायेंगे ।
खींच रहा है कौन, लहू का रंग इस तिरंगे में ।
ओढ़नी केसरिया की माथे उसके लहरायेंगे 

भारत की गरिमा को हम कुछ न होने देंगे
तिरंगे की खातिर हम सब कुछ कर जायेंगे।

भारत के हम बाशिंदे, भारतीय हम कहलायेंगे ।
छोड़ लफ्ज़ इंडिया, हर दिल स्वाभिमान जगायेंगे ।।
भारत हमारी जननी है, इसको मान हम दिलाएंगे 
जय हिन्द और वन्दे मातरम का भाव हम जगायेंगे 

भारत की गरिमा को हम कुछ न होने देंगे
तिरंगे की खातिर हम सब कुछ कर जायेंगे।
                                                                                Nautiyal Rameshwari 

भारत सिर्फ देश नहीं मान है हमारा 
जिसपर न्योछावर तन मन हमारा 
संस्कारों संस्कृति से निर्मित जीवन 
फिर क्यों हो गरिमा इसकी धूमिल 

भारत की गरिमा को हम कुछ न होने देंगे
तिरंगे की खातिर हम सब कुछ कर जायेंगे।

गाते है शान से झंडा ऊंचा रहे हमारा 
फिर क्यों इसके तले नफरत पनपती 
मजहब के नाम पर क्यों होता बंटवारा 
जब एक है हम और एक है राष्ट्र हमारा 

भारत की गरिमा को हम कुछ न होने देंगे
तिरंगे की खातिर हम सब कुछ कर जायेंगे।

फिर एक अलख हर दिल में जगायेंगे 
आक्रोश को लड़ने का अस्त्र अपना बनायेंगे 
कुरीतियों विकृतियों से निजात हम पायेंगे 
है ठाना फिर देश का गौरव उसे दिलाएंगे 

भारत की गरिमा को हम कुछ न होने देंगे
तिरंगे की खातिर हम सब कुछ कर जायेंगे
                                                                              किरण आर्य 
गर्व अपने तिरंगे पर गर्व अपने गणतंत्र पर
आँच इस पर आने देंगे न इसको झुकने देंगें,
तिरंगा प्रतीक है शांति, शौर्य और खुशहाली का 
कटवा देगें सर इसकी आन, बान और शान पर,

भारत की गरिमा को हम कुछ न होने देंगे
तिरंगे की खातिर हम सब कुछ कर जायेंगे।

इस तिरंगे की खातिर, वीरों ने है जान गवाई
लहराया झंडा हर जंग में, जब थोपी गई लड़ाई
याद दिलाता हमें तिरंगा, आजादी की लड़ाई का
करे इसे नमन, लेकर प्रण इसे गौरव दिलाने का 

भारत की गरिमा को हम कुछ न होने देंगे
तिरंगे की खातिर हम सब कुछ कर जायेंगे।
                                                                                     Dinesh Nayal 
हवाएं दरिया पहाड़ जंगल गूंजे शूरवीरों की गाथाओं से |
बच्चा-बच्चा लहराए तिरंगा अपना, गर्व और शान से |
हे ! सरजमीं पर मिट जाने वाले अम्रर शहीद जवानों!
तुम जैसे छलकें भाव देशप्रेम के, हर ह्रदय हर आँख से ||

भारत की गरिमा को हम कुछ न होने देंगे
तिरंगे की खातिर हम सब कुछ कर जायेंगे।
                                                                                   अलका गुप्ता 
भगत सिंग, सुखदेव, राजगुरु जैसे तेरे बेटे हैं, 
आज भी सरहद पर, कफ़न बाँध कर जो बैठे हैं ..
थामे हाथो में बन्दूक, जुनून मर मिटने का है 
तेरी लाज बचाने को माँ, जननी को भूले बैठे हैं!! 

भारत की गरिमा को हम कुछ न होने देंगे
तिरंगे की खातिर हम सब कुछ कर जायेंगे।
                                                                              नैनी ग्रोवर 
तिरंगा !! हमें जान से भी प्यारा है !
यह गर्व हमारा ! मान भी हमारा है !!
बाँटने की साजिश ना कर ...दुश्मन !
जीना इसके लिए तो मरना भी गवारा है !!

भारत की गरिमा को हम कुछ न होने देंगे
तिरंगे की खातिर हम सब कुछ कर जायेंगे।

हम हैं हिन्दुस्तानी नारा यही हमारा है !
मजहब का नहीं बंटवारा कोई हमारा है !!
बदल देंगे नीतियों से जगा कर अलख 
विश्व में रूप न्यारा ये वादा हमारा है !!

भारत की गरिमा को हम कुछ न होने देंगे
तिरंगे की खातिर हम सब कुछ कर जायेंगे।

जीना है शान से ....हर भारत वासी को 
करें पालन कर्तव्यों का तो अधिकार हमारा है 
लहराया है परचम तिरंगे का विश्व में 'हमने'
बार-बार बढ़ता आत्म-विशवास हमारा है !!

भारत की गरिमा को हम कुछ न होने देंगे
तिरंगे की खातिर हम सब कुछ कर जायेंगे।
                                                                                अलका गुप्ता 
कर्म न करे येसा कि शर्म से सिर झुके हमारा।
दुआ है आन-बान-शान से लहराए तिरंगा प्यारा।।
हम भारत के वासी, इस पर आँच न आने देंगे,
एकता की बन मिसाल, दुश्मन से लोहा हम लेंगे।

भारत की गरिमा को हम कुछ न होने देंगे
तिरंगे की खातिर हम सब कुछ कर जायेंगे।
                                                                                प्रभा मित्तल 

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निम्नलिखित मित्रो के भाव नही ढाल पाया ... उन्हें उसी रूप में पेश कर रहा हूँ 

बालकृष्ण डी ध्यानी 

मेरा भारत 

देख एक गांधी की जरुरत है 
देख फिर एक आंधी की जरुरत है 

हम में समाये हैं वो सब 
बस साथ साथ आने की जरुरत है 

देख एक भगत की जरुरत है 
एक खाली फंदे की जरुरत है 

साथ आना कुछ नही अब 
एक साथ गरजने की जरुरत है 

देखा एक सुभाष की जरुरत है 
उसे अब भी खून की जरुरत है 

आजादी मिली पर आजादी कंहा
अपनों में वो सीमित रह गयी है 

देख एक भारती की जरुरत है 
हर मुख गरजे वन्दे मातरम् इस भारत की जरुरत है 

वन्दे मातरम् वन्दे मातरम् वन्दे मातरम् ....जय हिन्द जय भारत 


कल्पना बहुगुणा 

मिलता एक दिन का सम्मान जिसे 
फिर तो साल भर अपमान ही सहना है जिसे 
ऐसे तिरंगे को फेहराने से क्या
फेहराता था कभी ऐसा तिरंगा
नाज होता था फेह्राने वालों पर 
और दिल से आवाज़ उठती थी 
हम सब भारतीय है एक है! हम एक है !!!!!

केदार जोशी एक भारतीय 

कुछ बाहरी देश के लूट पाट से, कुछ अपने देश के गदार से ,
कुछ कमीनो के अत्याचार से , कुछ नेताओ के चुंगल से 
हे तुजे बचाना, मेरे तिरंगे ,

कुछ सेनाओ के बलिदान से , तोह कुछ अपने ही लाल खून से ..
हे तुजे बचाना मेरे तिरंगे , हे तुजे बचाना मेरे तिरंगे


उदय ममगाईं राठी 

सौंपी है बागडोर जिनके हाथों में उनको पहरेदार चाहिए 
भारत भूमि की रक्षा के लिए न ऐसा अब गद्दार चाहिए
एक तमगा देकर ये फिर हर एक को ढांढस बंधायेंगे 
तिरंगे की खातिर हर दिन हम इक लाल को कुर्बान कर जायेंगे




सभी रचनाये पूर्व प्रकाशित है फेसबुक के समूह "तस्वीर क्या बोले" में https://www.facebook.com/groups/tasvirkyabole/

2 comments:

  1. वाह वाह वाह प्रति जी कमाल कर दिया आपने ..कितना सुन्दर संग्रह बना दिया आपने सभी मित्रों के भावों को जोड़कर ... धन्यवाद

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  2. हार्दिक धन्यवाद .............प्रतिबिम्ब जी ......एवं सभी मित्रों के सुन्दर भावों के लिए हार्दिक बधाई !

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शुक्रिया आपकी टिप्पणी के लिए !!!